राजू श्रीवास्तव की हालत बेहद नाजुक, पूरा देश कर रहा है जल्द स्वस्थ होने की दुआ
हजारीबाग जिले के अंतर्गत हजारीबाग सदर अस्पताल में नेत्र विभाग में कार्यरत डॉ के.के. लाल के द्वारा किये जा रहे मनमानी पर शिकंजा कस्ते हुए जिला अध्यापन नियंत्रण समिति में कार्यरत डॉक्टर शंकर चौधरी ने डॉ लाल का काला चिठा बाहर निकलवाया । स्वास्थ्य प्रभारी डॉ कृष्णा कुमार रांची से आकर की जांच पड़ताल । वे अपने कार्य समय मे भी बाहर रहते हैं। बताते चले कि बीते पिछले कई सालों से मरीजो के साथ व्यवहार अच्छा नही है डॉक्टर के.के. लाल के द्वारा मरीजों को गाली गलौज दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आ चुका है। बताते चलें कि नव झारखंड फाउंडेशन एक सामाजिक संस्था है जो समाज के विकास के लिए कार्य करती है। सरकार की छोटी बड़ी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य करती है। झारखंड फाउंडेशन के केंद्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा ने कहा कि सरकार इस से ग्रस्त हो और मनमानी कर रहे डॉक्टर का जांच पड़ताल कर निष्काषित करें
वहीं स्थानीय ग्रामीणों के प्रति कंपनी का रवैया बेहद निराशाजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।
किशोरी राणा ने कंपनी को चेताते हुए कहा कि जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या का निदान करें अन्यथा आंदोलन के लिए उन्हें बाध्य होना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के पूर्वजों के द्वारा जीएम लैंड पर कई वर्षों से जोत आबाद किया जा रहा है लेकिन अब एनटीपीसी उस जमीन को अपने कब्जे में ले रही है जिसका कि कोई उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में हम लोग ठगे से महसूस कर रहे हैं। यहाँ तक कि हमारे जन प्रतिनिधि सांसद एंव विधायक भी इस मामले से पीछे हट रहे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि रैयतों की जीत होगी। कोयला खनन करने वाली कंपनियों तथा विस्थापित हुए रैयतों के बीच कुछ विवाद है, जिसके समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए। बैठक में मुख्य रूप से अशरफ रजा खान, बैजनाथ साव, अवधेश यादव, जयकरण आदि अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
विस्थापित रैयत समिति की मांगें
18 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी युवाओं को नौकरी मिले
कार्यक्षेत्रों में एक समान ग्रेड के वर्करों को एक समान वेतन दिया जाये।
पुनर्वास के लिए प्रत्येक परिवार को हजारीबाग शहर से पांच किलोमीटर के दायरे में प्रति परिवार जमीन एंव आवास बनाने के लिए पैसे दिये जायें।
आवंटित पुनर्वास स्थल पर सड़क, बिजली, पानी, उच्चतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जाये।
आवंटित पुनर्वास स्थल में सामुदायिक एवं धार्मिक कार्यों के लिए सामुदायिक भवन, मंदिर, मस्जिद, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, खेल का मैदान, तालाब आदि की व्यवस्था की जाये!
पूर्व में फर्जी तरीके से हस्तांतरित वन भूमि एवं रैयती भूमि के हस्तांतरण को रद्द करके नये सिरे से वन भूमि एवं रैयती भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाये।
पूर्व में फर्जी तरीके से कराये गये सर्वे को रद्द करते हुए नये सिरे से विस्तृत सर्वेक्षण करवाया जाये।
रैयतों के खिलाफ एनटीपीसी से संबंधित जितने भी केस हैं, उन सभी केस को वापस लिया जाये तथा फर्जी केस से पीड़ित सभी व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति दी जाये।
विस्थापित परिवारों को विस्थापन प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था हो,जिसके आधार पर भविष्य में विस्थापित परिवारों के वंशजों को स्थानीय निवासी के प्रमाण पत्र सहित सभी प्रकार के प्रमाण पत्र निर्गत हों।
*केन्द्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा जी ने कहा कि युवाओ को उसके हक व अधिकार के प्रति जागरूक करना है साथ ही क्षेत्र के जरूरतमंद लोगो को सरकार की योजनाओ से रूबरू कराना और उससे लाभान्वित कराने हेतु* *प्रयास करना है फाउंडेशन सदस्यों के द्वारा जब पूरे देश मे लाॅकडाउन मे लोग घरों से बाहर नही निकल रहे थे उस समय महाराष्ट्र मे कार्य कर रहे झारखंड के लोगो को मदद पहुंचाने का काम नव झारखंड फाउंडेशन ने किये उन्होंने कहा राज्य मे खनिज संपदा की भरमार है फिर भी यहां के लोग पलायन करने को मजबूर है साथ ही* *उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी जिलो मे नव झारखंड फाउंडेशन का विस्तार कर गरीब लोगो को मदद करने का काम करेंगे! जिला परिषद् दिनेश महतो ने कहा समाज कार्य की सभी विधियों का उद्देश्य लगभग समान है। सभी विधियों का उद्देश्य व्यक्ति की अधिक से अधिक सहायता करना है जिससे वह अपनी समस्याओं का समाधान कर सके तथा विकास की गति में वृद्धि ला सके।* *वैयक्तिक सेवा कार्य का उद्देश्य सेवार्थी या एक व्यक्ति की इस प्रकार से सहायता करना होता है जिससे स्वयं सहायता करने की शक्ति का विकास हो ! साथ ही डुमरी प्रखंड का गठन किया गया !* *अध्यक्ष , निर्मल महतो, सचिव ,तापेश्वर महतो कोषाध्यक्ष ,चेतलाल महतो*
*इस मौके पर ,रंजन सिंह , गंगाधर महतो ,जितेन्द्र यादव ,घनश्याम महतो, दुलारचन्द महतो, सुनील महतो ,मनोज कुमार महतो, *किशोर महतो इत्यादि मौजूद थे*
#करम मात्र एक परब ही नहीं है जहांँ आखअड़ा में करम गसाञ का सेंवरन ही नहीं करते हैं बल्कि कुड़मि पुरखों ने उस तंत्र की स्थापना की जिसमें कुमारी कन्याओं के आगामी जीवन को सहजता से निभाने का प्रशिक्षण स्वाभाविक रूप से होता है!जैसे-:
1) पुरखों के प्रमुख करम #चास हेतू बीजों को पहचानना व अंकुरन की प्रक्रिया को learning by doing से जानना, देखना,सीखना,समझना व पहचानना !
2) भविष्य में अपनी मातृत्व संबंधी - शक्ति,-समझ,-बारन को समझना ,अनुभव करना जिससे वह सहजता से बच्चों को जनम दे सके,पालन पोषण कर सके ! इसके लिए प्रत्येक #करमइति जिसे #जाउआ #माञ भी कहा जाता है जिसे निम्न पालन करने होते हैं,जैसे-:
((क))#हाबु नहीं नहाना अर्थात् नदी या तालाब में नहाते समय पीठ की ओर मुड़ना नहीं चाहिए यदि वह ऐसा करती है तो उसका जाउआ भी पीछे की ओर झूक जाता है!
((ख))करवट नहीं सोना चाहिए वरना जाउआ भी करवट ले लेगा।
((ग)) साग नहीं खाना वरना जाउआ हरा हो जाएगा!
((घ))दही ,खट्टा नहीं खाना वरना जाउआ में फफूंद लग जाएगा!
((ॾ))हाथ से नमक नहीं छूना वरना जाउआ गल जाएगा !
((च))हाथ से खरिका,दतुअन नहीं तोड़ना वरना जाउआ टूट कर गिर जाएगा!
(छ))बाल नहीं गुँथना वरना जाउआ गुँथ जाएँगे!
((ज)) अवांछित स्थान पर शौच नहीं जाना वरना जाउआ में भूरका उठ जाएगा!
((झ))आग में जलाई चीजें नहीं खाना वरना जाउआ जल जाएगा !
((ञ))हल्दी नहीं खाना वरना जाउआ पीला हो जाएगा!
((ट))मीठा नहीं खाना वरना जाउआ में चिंटी लग जाएंगी!
#नोट-:आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उपरोक्त बारनों का उल्लंघन करने से जाउआ में प्रत्यक्षत: उपरोक्त घटनाएँ आज भी स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।इतना तंत्र सिद्ध व जीवंत है करम परब!
3)जो कुमारी निष्ठा से अपने छ: वर्ष के उम्र से विवाह उम्र तक पूरे विधान से नियमों का पालन करते हुए पांँता नाच नाचती हैं सहजता से गर्भधारण कर बच्चे को बिना सीजेरियन के जनम लेती है।
4)इस परब में अभी तक 52 पारंपरिक गीत ही पाए जाते हैं और इसमें नौ ताल व नौ सुर में नौ तरह के नाच गीत होते हैं जो उपरोक्त्त प्रभाव उत्पन्न करते हैं!
5)इस परब को केवल भाई बहन का परब कहना इसकी व्यापकता को कम करता है कयोंकि यह कुमारियों का संपूर्ण रूप से सामाजिकरण करने का संस्थागत तंत्र है जहाँ,अपने नैहर, ससुराल के भौगोलिक स्थिति का वर्णन,भाई-बहन, सास-ससुर,ननँद-भौजाई,देवर-सइआँ,भेंसुर ,आदि के साथ कैसा व्यवहार होता है,कैसी भावना जुड़ी रहती है से संबंधित गीत पाए जाते हैं !
6) कुमारियों का शारीरिक, मानसिक,व भावनात्मक विकास होता है।
7)साँचि जाउआ में आठ भाग होते हैं और बीच में एक भाग याने कुल नौ हिस्से होते हैं जिसे नौ अनुभवी कुमारियाँ थापती हैं।प्रत्येक कुमारी अपने अपने हिस्से में अलग-अलग प्रकार की बीज बोती है और अपने अपने हिस्से की देखभाल करती है !
8)संजत से पारना तक तीन दिन तालाब या नदी में स्नान करने से पहले पुरखे याने #चालह -#सिनिआइड़ि को दतुन पानी देती है और उपास रात में बनी आठ तरह की तरकारी व बात का भोग लगा पुरखों के प्रति अपने उत्तरदायित्व को समझती है!
9)संजत के दिन आठ कलइआ याने आठ तरह के दलहनों का आँकुर थाप प्रकृति की सृजन शक्ति का आकलन भी करती है।
10)यह विश्व की सबसे पुरानी उत्सव है।
11)बहिन वचन देती हैं #कुड़मालि में #मञ #करअम #जखन #ससुर #घार #जाम(sister vows I will observe when I will be in my husband's home!) भाई वचन देता है रात में करअम जगाते रखवाली करते #मञ #धरअम (I will conserve this for my daughter)!
जोहार!
(गोमो):- कोरोना महामारी ने पूरे देश को लॉक कर दिया था. ऐसे में सरकार ने अनलॉक के साथ धीरे-धीरे सभी चीजों पर छूट दी. इसके बाद स्कूल के खुलने के सुगबुगाहट सुनकर खेसमी के समाजसेवियों ने साफ सफाई करने का सोचा.
खेसमी के समाजसेवी समय का सदुपयोग करते हुए विद्यालय की दशा सुधारने में लगे हुए हैं. बता दें कि मध्य विद्यालय खेसमी बाहरी परिसर को समाजसेवियों ने पूरी मेहनत और लगन से विद्यालय की काया पलट दी है. समाजसेवियों ने विद्यालय के बाहरी परिसर में एक अभियान चलाते हुए कटीली झाड़ियों को काटकर साफ-सफाई की. समाजसेवियों ने बताया कि जब अपने घर घरों की साफ सफाई कर सकते हैं, तो विद्यालय की साफ सफाई क्यों नहीं कर सकते है. हमारा समय विद्यालय में ही बीता है. वहीं, विद्यालय परिसर में काफी गंदगी फैल गई थी. जिसके बाद समाजसेवियों द्वारा श्रमदान किया गया, साथ ही उन्होंने कहा कि जब हम घर में साफ सफाई कर सकते हैं, तो विद्यालय भी तो हमारा घर जैसा है. मौके पर संतोष मंडल, शंभु कुमार, विनय महतो, अजय महतो, दिनेश कुमार आदि लोग मौजूद रहें.
*गिरिड़ीह जिले के अंतर्गत गिरिड़ीह मे नव झारखंड फाउंडेशन की बैठक रखी गई! जिसमे सैंकड़ो समाजसेवी शामिल थे! बैठक की अध्यक्षता केदार महतो ने किया! इस कार्यक्रम मे जिला परिषद् दिनेश महतो उपस्थित हुए*
*केन्द्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा जी ने कहा कि युवाओ को उसके हक व अधिकार के प्रति जागरूक करना है साथ ही क्षेत्र के जरूरतमंद लोगो को सरकार की योजनाओ से रूबरू कराना और उससे लाभान्वित कराने हेतु* *प्रयास करना है फाउंडेशन सदस्यों के द्वारा जब पूरे देश मे लाॅकडाउन मे लोग घरों से बाहर नही निकल रहे थे उस समय महाराष्ट्र मे कार्य कर रहे झारखंड के लोगो को मदद पहुंचाने का काम नव झारखंड फाउंडेशन ने किये उन्होंने कहा राज्य मे खनिज संपदा की भरमार है फिर भी यहां के लोग पलायन करने को मजबूर है साथ ही* *उन्होंने कहा कि झारखंड के सभी जिलो मे नव झारखंड फाउंडेशन का विस्तार कर गरीब लोगो को मदद करने का काम करेंगे! जिला परिषद् दिनेश महतो ने कहा समाज कार्य की सभी विधियों का उद्देश्य लगभग समान है। सभी विधियों का उद्देश्य व्यक्ति की अधिक से अधिक सहायता करना है जिससे वह अपनी समस्याओं का समाधान कर सके तथा विकास की गति में वृद्धि ला सके।* *वैयक्तिक सेवा कार्य का उद्देश्य सेवार्थी या एक व्यक्ति की इस प्रकार से सहायता करना होता है जिससे स्वयं सहायता करने की शक्ति का विकास हो* !
*इस मौके पर उमेश पांडेय राजकमल महतो रमेश हेम्ब्रम आशमा खातुन संजय कुमार भदानी जयप्रकाश वर्मा दुलारचंद महतो आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे*