Sunday, October 3, 2021

नव झारखंड फॉउंडेशन के केंद्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा ने एनटीपीसी (NTPC) और त्रिवेणी सैनिक माइनिंग (Triveni Sainik Mining) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


 नव झारखंड फॉउंडेशन भवानी प्लाजा स्थित कार्यालय में किसान संघर्ष समिति ग्राम- चुरचू , बड़कागाँव के साथ बैठक करते हुए नव झारखंड फॉउंडेशन के केंद्रीय अध्यक्ष किशोरी राणा ने एनटीपीसी (NTPC) और त्रिवेणी सैनिक माइनिंग (Triveni Sainik Mining) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को अभी तक उनके जमीन के बदले उचित मुआवजा एवं रोजगार के साधन नहीं उपलब्ध कराए गए हैं। एनटीपीसी एवम सहयोगी कंपनी त्रिवेणी सैनिक द्वारा किये जा रहे खनन, डिस्पैच तथा परिवहन का काम बड़ी तेजी से चल रहा है।

वहीं स्थानीय ग्रामीणों के प्रति कंपनी का रवैया बेहद निराशाजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।

किशोरी राणा ने कंपनी को चेताते हुए कहा कि जल्द से जल्द ग्रामीणों की समस्या का निदान करें अन्यथा आंदोलन के लिए उन्हें बाध्य होना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोगों के पूर्वजों के द्वारा जीएम लैंड पर कई वर्षों से जोत आबाद किया जा रहा है लेकिन अब एनटीपीसी उस जमीन को अपने कब्जे में ले रही है जिसका कि कोई उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में हम लोग ठगे से महसूस कर रहे हैं। यहाँ तक कि हमारे जन प्रतिनिधि सांसद एंव विधायक भी इस मामले से पीछे हट रहे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि रैयतों की जीत होगी। कोयला खनन करने वाली कंपनियों तथा विस्थापित हुए रैयतों के बीच कुछ विवाद है, जिसके समाधान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाए। बैठक में मुख्य रूप से अशरफ रजा खान, बैजनाथ साव, अवधेश यादव, जयकरण आदि अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। 

विस्थापित रैयत समिति की मांगें

18 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी युवाओं को नौकरी मिले

कार्यक्षेत्रों में एक समान ग्रेड के वर्करों को एक समान वेतन दिया जाये।

पुनर्वास के लिए प्रत्येक परिवार को हजारीबाग शहर से पांच किलोमीटर के दायरे में प्रति परिवार जमीन एंव आवास बनाने के लिए पैसे दिये जायें।

आवंटित पुनर्वास स्थल पर सड़क, बिजली, पानी, उच्चतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करायी जाये।

आवंटित पुनर्वास स्थल में सामुदायिक एवं धार्मिक कार्यों के लिए सामुदायिक भवन, मंदिर, मस्जिद, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, खेल का मैदान, तालाब आदि की व्यवस्था की जाये!

पूर्व में फर्जी तरीके से हस्तांतरित वन भूमि एवं रैयती भूमि के हस्तांतरण को रद्द करके नये सिरे से वन भूमि एवं रैयती भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की जाये।

पूर्व में फर्जी तरीके से कराये गये सर्वे को रद्द करते हुए नये सिरे से विस्तृत सर्वेक्षण करवाया जाये।

रैयतों के खिलाफ एनटीपीसी से संबंधित जितने भी केस हैं, उन सभी केस को वापस लिया जाये तथा फर्जी केस से पीड़ित सभी व्यक्तियों को क्षतिपूर्ति दी जाये।

विस्थापित परिवारों को विस्थापन प्रमाण पत्र निर्गत करने की व्यवस्था हो,जिसके आधार पर भविष्य में विस्थापित परिवारों के वंशजों को स्थानीय निवासी के प्रमाण पत्र सहित सभी प्रकार के प्रमाण पत्र निर्गत हों।

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